Social Science Class 6 Chapter 6 Question Answer in Hindi
कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान पाठ 6 के प्रश्न उत्तर in Hindi भारतीय सभ्यता का प्रारंभ
महत्वपूर्ण प्रश्न (पृष्ठ 85)
Question 1.
सभ्यता क्या है?
उत्तर:
सभ्यता मानव समाज की उन्नत अवस्था है। इसमें पर्याप्त भोजन, नियोजन के साथ नगरीकरण, लेखन प्रणाली, संस्कृति की स्वतंत्रता होती है। सभ्यताओं में शासन और प्रशासन, व्यापार का कोई-न-कोई रूप होता है तथा आंतरिक और बाह्य तथा विभिन्न प्रकार के शिल्प जैसे पत्थर या धातु और आभूषण और उपकरण, कृषि उत्पादकता भी होते हैं।
Question 2.
भारतीय उपमहाद्वीप की आरंभिक सभ्यता कौन-सी थी?
उत्तर:
भारतीय उपमहाद्वीप की आरंभिक सभ्यता हड़प्पा या सिंधु घाटी सभ्यता थी ।

Question 3.
उसकी मुख्य उपलब्धियाँ क्या थीं?
उत्तर:
- हड़प्पा सभ्यता की कुछ प्रमुख उपलब्धियाँ इस प्रकार हैं :
- सड़कों और जल निकासी प्रणालियों के साथ अच्छी तरह से नियोजित शहरों का निर्माण करना ।
- जल प्रबंधन के लिए कुओं और जलाशयों जैसे प्रणाली विकसित करना।
- अनाज, दालें, सब्जियाँ, फल और कपास उगाई ।
- पाले गए पशु ।
- मिट्टी के बर्तन और आभूषण सहित सुंदर शिल्प और व्यापारिक वस्तुएँ बनाना ।
- एक लेखन प्रणाली का होना, भले ही आज हम उसे पढ़ नहीं सकते।
आइए विचार करें (पृष्ठ- 86)
Question 1.
ऊपर बताई गई विशेषताओं में से आप किसे मूलभूत विशषेता मानते हैं – अर्थात ऐसी विशेषता, जो अन्य सभी के विकास के लिए अनिवार्य है।
उत्तर:
सबसे बुनियादी आवश्यक विशेषता कृषि है। प्रारंभिक मानव केवल भोजन के कारण जीवित रहता था, उसके पास कोई अन्य आधुनिक सभ्यता नहीं थी । यदि उसके पास इतनी कृषि उत्पादक है कि वह न केवल गाँवों को बल्कि शहरों को भी भोजन दे सके। सभ्यता की अन्य आवश्यक विशेषताएँ कम-से-कम निकट भविष्य में विकसित होंगी।
आइए पता लगाएँ (पृष्ठ- 87)
Question 1.
ऊपर दी गई सूची में प्रत्येक विशेषता के लिए क्या आप उस समय के समाज में विद्यमान व्यवसाय और रोजगार की सूची तैयार कर सकते हैं?
उत्तर:
सरकार : शासक, अधिकारी, प्रशासक, न्यायाधीश और सलाहकार
नगरीकरण : नगर योजनाकार, निर्माणकर्ता, इंजीनियर और वास्तुकार
स्वास्थ्य : डॉक्टर, नर्स, निदान
शिल्प : कुम्हार, धातु और लकड़ी के कारीगर और बुनकर
सांस्कृतिक : महाकाव्य, स्थापत्य, साहित्य
व्यापार : व्यापारी और व्यावसायिक
लिखना : लेखक और रिकॉर्ड रखने वाला
कृषि : किसान और मजदूर
पुजारी : पंडित, यज्ञ
ध्यान रखें (पृष्ठ 88)
Question 1.
वर्तमान में इस सभ्यता के निवासियों को ‘हड़प्पाई या हड़प्पावासी’ क्यों कहते हैं?
उत्तर:
दुनिया में पाई जाने वाली सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक हड़प्पा है। हड़प्पा इस शहर का नाम है। इसीलिए, इस शहर के निवासियों को ‘हड़प्पावासी’ कहा जाता है।
आइए पता लगाएँ (पृष्ठ- 89-90)
Question 1.
इस सभ्यता के कुछ प्रमुख नगरों को मानचित्र ( चित्र 6.3 ) में दर्शाया गया है। क्या आप ( कक्षा में गतिविधि के माध्यम से ) इन दर्शाए गए नगरों का अगले पृष्ठ पर दी गई तालिका में दिए गए आधुनिक राज्यों अथवा प्रदेशों के साथ मिलान कर सकते हैं?
उत्तर:
| हड़प्पाई नगर / हड़प्पा के नगर | आधुनिक राज्य या प्रदेश |
| धौलावीरा | गुजरात |
| हड़प्पा | पंजाब |
| कालीबंगा | राजस्थान |
| मोहनजोदड़ो | सिंध |
| राखीगढ़ी | हरियाणा |
आइए पता लगाएँ (पृष्ठ-93)
Question 1.
अंतिम दो व्याख्याओं के बारे में कक्षा में चर्चा कीजिए। क्या आप कोई अन्य व्याख्या सोच सकते हैं? ध्यान दीजिए कि इस विषय में हमारे पास इतिहास के अन्य स्रोत नहीं हैं, जैसे न कोई शिलालेख, न कोई ग्रंथ और न ही किसी यात्री का विवरण।
उत्तर:
यह तालाब घनी आबादी वाले शहर में स्थित था। यह छोटे-छोटे कमरों से घिरा हुआ था। इनमें से एक में कुआँ भी था, इसलिए इसका इस्तेमाल पर्यटकों या व्यापार के लिए शहर में आने वाले लोगों के समूह द्वारा किया जाता था।

आइए पता लगाएँ (पृष्ठ-95)
Question 1.
कक्षा की एक गतिविधि के रूप में किसी फीते ( इंच टेप) से अपनी कक्षा, विद्यालय के गलियारे या खेल के मैदान की लंबाई मापें। इस लंबाई की तुलना धौलावीरा के सबसे विशाल जलाशय की लंबाई से कीजिए ।
उत्तर:
कक्षा की लंबाई 7.3 मी. है जो धौलावीरा से 10 गुना छोटी है।
आइए विचार करें (पृष्ठ-96)
Question 1.
जलाशयों के इस प्रकार के निर्माण के लिए आवश्यक श्रमिकों की बड़ी संख्या के बारे में सोचिए । आपके विचार से उनके कार्य को सुनियोजित करने के लिए निश्चित निर्देश किसने दिए होंगे? आपके विचार में उन्हें उनकी मजदूरी के लिए भुगतान कैसे किया गया होगा ?
[ संकेत – उस समय आज की तरह मुद्रा का प्रचलन नहीं था ।]
चूँकि समय-समय पर जलाशयों की सफाई करना आवश्यक था, इसलिए क्या उनके रख-रखाव के लिए कोई स्थानीय प्राधिकारी थे ? इस नगर के शासक और नगर प्रशासन के बारे में इससे हमें क्या संकेत मिलते हैं?
कल्पना कीजिए और अपने शिक्षक के साथ चर्चा कीजिए । पुरातत्ववेत्ता भी इन प्रश्नों के बारे में चर्चा करते हैं और उनके उत्तर सदैव निर्णायक नहीं होते ।
उत्तर:
शहरी स्तर पर एक प्रकार की सरकार ने उनके काम को संगठित किया और एक पर्यवेक्षक जो जलाशयों के ऐसे नेटवर्क का निर्माण करने में विशेषज्ञ था, उन्हें सही निर्देश देता था। उन्हें वस्तु विनिमय प्रणाली के माध्यम से भुगतान किया था। वस्तु विनिमय प्रणाली पैसे का उपयोग किए बिना वस्तुओं या सेवाओं का आदान-प्रदान करने की एक विधि है। अपनी सेवाओं के बदले उन्हें सामान मिलते थे; उदाहरण के लिए, भोजन, कपड़े, जमीन आदि ।
हाँ, उनके रख-रखाव के लिए कुछ स्थानीय प्राधिकारी मौजूद थे।
शहर के शासक के पास पर्याप्त धन था । वह जल संसाधन प्रबंधन और उसकी सफाई तथा जल निकासी व्यवस्थां के महत्व को समझता था। नगर निगम के अधिकारी जलाशय बनाने में सक्षम थे।
आइए पता लगाएँ (पृष्ठ-97)
Question 1.
मान लीजिए कि आप हड़प्पा के एक घर में खाना पकाते हैं। आप ऊपर दी गई जानकारी के आधार पर कौन-से व्यंजन बनाएँगे?
उत्तर:
| व्यंजन | व्यंजन के लिए आवश्यक सामग्री |
| पुलाव | चावल, मॉस, हल्दी और अदरक |
| रोटी और दलिया | जौ, गेहूँ, बाजरा |
| केले का शेक और सब्जी | दूध, केला, सब्जी |
| करी और टिक्का | मांस और मछली |
| दूध, केक, बरफी, दही, पनीर, कलाकंद | दूध |
| खीर | दूध और चावल |
आइए पता लगाएँ (पृष्ठ-99)
Question 1.
कुछ लेखन संकेतों के साथ हड़प्पा की इन तीन मुहरों को देखते हुए आपके मन में क्या विचार आता है? क्या आप इनकी कोई व्याख्या देना चाहेंगे? अपनी कल्पनाशक्ति का उपयोग कीजिए ।
उत्तर:
इन तीन हड़प्पा मुहरों और कुछ लेखन चिह्नों को देखकर मेरे मन में यह विचार आया :
- वे मुहर बनाना जानते थे, जो लगभग 5,000 साल पुरानी है और अभी तक क्षतिग्रस्त नहीं हुई है।
- उनमें पत्थर पर नक्काशी करने का कौशल था।
- उनके पास पत्थर पर नक्काशी करने के औजार थे।
- उनमें लेखन कौशल था।
- उन्होंने जानवरों के आकार की पहचान की।
हड़प्पा सभ्यता दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है और लगभग 5,000 साल पुरानी है। मेरी व्याख्याओं के अनुसार, ये आनुवंशिक परिवर्तन या काल्पनिक चित्र या चित्र को और अधिक सुंदर बनाने के लिए हो सकते हैं।
आइए विचार करें (पृष्ठ- 102)
Question 1.
क्या आप उन गतिविधियों और जीवन के पक्षों का पता लगा सकते हैं, जो हड़प्पावासियों के लिए महत्वपूर्ण थे?
उत्तर:
कांस्य दर्पण : कांस्य एक मिश्र धातु है जो धातु, ताँबा और टिन को मिलाकर बनाया गया। वस्तुओं को देखने के लिए कांस्य दर्पण का उपयोग किया जाता था। उनके पास तकनीकी ज्ञान था।
टेराकोटा घड़ा : भंडारण और सजावट के लिए प्रयोग किया जाता था।
भार तोलने का पत्थर : मापने के लिए प्रयोग किया जाता था।
कांस्य की छैनी : धातु जैसी कठोर सामग्री काटने और तेज करने के लिए।
खेल-बोर्ड, टेराकोटा सीटी, नाचती हुई लड़की : लोगों के मनोरंजन के लिए।
पुजारी राजा, नमस्ते : सम्मान दिखाना, आध्यात्मिक पहलू ।
मुहरें, बर्तन पर डिजाइन मुहरों और बर्तन पर डिजाइन उनकी कलात्मक क्षमता को दर्शाता है।
आइए पता लगाएँ (पृष्ठ- 102)
Question 1.
लोथल के पात्र पर दर्शाई गई कहानी को पूरा कीजिए। आपके विचार से इस कहानी को 4,000 से अधिक वर्षों से क्यों याद किया जाता रहा?
उत्तर:
पानी की तलाश में प्यासा कौआ एक घड़ा पाता है जिसमें पानी का स्तर कम होता है। वह पानी नहीं पी पाता। वह घड़े में एक-एक करके कंकड़ डालता है। पानी का स्तर बढ़ जाता है, वह पानी पीता है। यह कहानी 4,000 से ज्यादा सालों तक याद रखी गई। इसका एक नैतिक संदेश है, समस्याओं से घबराओ मत, शांत रहो, सोचो, समाधान है। पानी के बिना जीवन नहीं।

Question 2.
‘नर्तकी’ की लघु प्रतिमा पर विचार कीजिए। इस लघु प्रतिमा की भाव-भंगिमा से आप क्या समझते हैं? पूरी बाँह को ढँकने वाली उसकी उन चूड़ियों को ध्यान से देखिए, जो गुजरात और राजस्थान के क्षेत्रों में अभी भी महिलाएँ पहनती हैं। इस अध्याय में आपने और कहाँ पर इस तरह से चूड़ियाँ पहनने को चिह्नित किया है। इससे हमें क्या निष्कर्ष निकालना चाहिए?
उत्तर:
नृत्य करती लड़की की मूर्ति आत्मविश्वास से भरी और खुश दिखती है, जो यह दर्शाती है कि नृत्य और उत्सव उनकी संस्कृति में महत्वपूर्ण थे। पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ 85 पर हम एक महिला को इसी तरह की चूड़ियाँ पहने हुए देख सकते हैं। उसकी बाँहों में चूड़ियाँ वैसी ही हैं जैसी आज कुछ लोग पहनते हैं, जिसका मतलब है कि कुछ परंपराएँ लंबे समय से चली आ रही हैं। इससे पता चलता है कि कुछ शैलियाँ और रीति-रिवाज हमें अतीत से जोड़ सकते हैं।
Class 6 Social Science Ch 6 Question Answer in Hindi भारतीय सभ्यता का प्रारंभ
प्रश्न, क्रियाकलाप और परियोजनाएँ (पृष्ठ 103)
Question 1.
इस अध्याय में अध्ययन की गई सभ्यता के अनेक नाम क्यों हैं? इनके महत्व पर चर्चा कीजिए ।
उत्तर:
विभिन्न स्थानों और कालों में पाई जाने वाली विभिन्न सभ्यताएँ और उनकी संस्कृतियाँ विविध हैं, इसीलिए इस अध्याय में अध्ययन की गई सभ्यताओं के कई नाम हैं।
सभ्यताओं के कई नाम हैं- सिंधु, हड़प्पा, सिंधु-सरस्वती यह दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है।
महत्व : (1) नगर नियोजन : बड़े और छोटे घर, गोदाम आमतौर पर ईंटों से बने होते थे।
(2) जल प्रबंधन : हड़प्पा के लोग जल प्रबंधन और सफाई को बहुत महत्व देते थे। उनके पास ईंटों से बने कुएँ, मानव निर्मित जलाशय और नालियों का जाल था ।
(3) कृषि : वे अनाज, चावल, दालें, कपास, मसाले, विभिन्न प्रकार की सब्जियों और फलों की खेती करते थे।
(4) पालतू पशु : हड़प्पावासी दूध और मांस के लिए पशुओं को पालते थे।
सक्रिय व्यापार : हड़प्पावासी भारत के अंदर और बाहर व्यापार करते थे। वे आभूषण, लकड़ी, कार्नेलियन के मोती, हाथी दाँत की कंघी, कपास, सोना निर्यात करते थे और ताँबे को आयात करते थे।
विविध शिल्प : हड़प्पावासी मिट्टी, पत्थर और कांस्य से विभिन्न चीजें बनाते थे ।
पत्थर : खेल-बोर्ड, बाट, मुहरें, उपकरण ।
कांस्य : छैनी जैसे उपकरण, चीजें – दर्पण, नृत्य करती लड़की की मूर्तियाँ।
मिट्टी : टेराकोटा का उपयोग मूर्तियाँ, निर्माण सामग्री, बर्तन बनाने के लिए किया जाता है।
Question 2.
सिंधु-सरस्वती सभ्यता की उपलब्धियों का सार देते हुए संक्षिप्त रिपोर्ट ( 150 से 200 शब्द) लिखिए।
उत्तर:
सिंधु-सरस्वती सभ्यता विश्व की सबसे प्रारंभिक और सबसे उन्नत सभ्यताओं में से एक थी। इसकी प्रमुख उपलब्धियों में से एक हड़प्पा ओर मोहनजोदड़ो जैसे सुनियोजित शहरों का विकास था । इन शहरों में चौड़ी सड़कें, ईंट के घर और परिष्कृत जल निकासी प्रणाली थी, जो पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद करती थी।
इस सभ्यता के लोग व्यापार में भी कुशल थे, क्योंकि वे अन्य क्षेत्रों के साथ मोतियों, मिट्टी के बर्तनों और कपड़ों जैसी वस्तुओं का आदान-प्रदान करते थे। उन्होंने मिट्टी के बर्तनों और मूर्तियों सहित सुंदर कला का निर्माण किया, जो उनकी रचनात्मकता को दर्शाता है।
हड़प्पावासियों को जल प्रबंधन की गहरी समझ थी, वे नियमित जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जलाशयों और कुओं का निर्माण करते थे।
मोहनजोदड़ो में एक प्रसिद्ध महास्नानागार था । इसे जल शोधन सामग्री से बनाया गया था। तालाब के चारों ओर छोटे- छोटे कमरे थे, जिनमें से एक में कुआँ था । वहाँ टैंकी के एक कोने में इसे समय-समय पर खाली करने और ताजा पानी भरने के लिए एक नाली रखी थी।
उनके पास तौल और माप की एक प्रणाली भी थी, जिससे व्यापार और वाणिज्य में मदद मिली।
सिंधु-सरस्वती सभ्यता की उपलब्धियाँ उनके उन्नत ज्ञान और कौशल को प्रतिबिंबित करती हैं, जो उन्हें इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाती हैं।
Question 3.
कल्पना कीजिए कि आपको हड़प्पा से कालीबंगा तक यात्रा करनी है। आपके पास विभिन्न विकल्प क्या हैं? क्या आप प्रत्येक विकल्प में लगने वाले समय का अनुमान लगा सकते हैं?
उत्तर:
यदि मुझे हड़प्पा से कालीबंगा तक यात्रा करनी हो, तो मेरे पास कुछ विकल्प होंगे :
प्राचीन शहर हड़प्पा रावी नदी के किनारे पंजाब में स्थित है, जबकि कालीबंगा शहर घग्गर नदी के बाएँ या दक्षिणी तट पर राजस्थान में स्थित है। इन दोनों के बीच की दूरी 175 किमी. है।
विभिन्न विकल्प
1. पैर
2. बैलगाड़ी
3. घोड़ा
4. कार
5. बस
अनुमान समय
5-6 दिन
3-4 दिन
6-7 घंटे
4-5 घंटे
7-8 घंटे
Question 4.
कल्पना कीजिए कि यदि हड़प्पा के किसी पुरुष या महिला को हम आज के भारत के सामान्य रसोईघर में ले आते हैं, तो उन्हें सबसे बड़े चार या पाँच आश्चर्य क्या लगेंगे?
उत्तर:
यदि किसी हड़प्पावासी पुरुष या महिला को भारत के किसी सामान्य रसोईघर में ले जाया जाए, तो वे संभवत: कई चीजों को देखकर आश्चर्यचकित हो जाएँगे।
(1) इलेक्ट्रिक / बिजली उपकरण: वे ओवन, सैंडविच मेकर, मिक्सर जूसर माइक्रोवेव और ब्लेंडर जैसे इलेक्ट्रिक उपकरणों को देखकर आश्चर्यचकित हो जाएँगे।
उनके समय में खाना पकाने का काम खुली आग पर किया जाता था और उनके पास बिजली नहीं थी ।
(2) भोजन की विविधता : वे कई मसाले, सॉस, फल, सब्जियाँ और पैक किए हुए खाद्य पदार्थ देखेंगे।
(3) खाना पकाने के तरीके : गैस स्टोव, सोलर, इंडेक्शन, कुकर और इलेक्ट्रिक प्लेट का उपयोग आश्चर्यजनक होगा। वे मिट्टी के चूल्हे या खुली आग पर खाना पकाने के आदी होंगे। (4) सफाई और स्वास्थ्य : आधुनिक रसोई को बहुत साफ और स्वास्थ्यकर बनाया जाता है, जिसमें बहुत पानी, उचित अपशिष्ट निपटान और एग्जॉस्ट पंखा होता है। सफाई का यह स्तर उनके समय की तुलना में आश्चर्यजनक हो सकता है।
(5) खाद्य भंडारण: भोजन को ताजा रखने के लिए उसे रेफ्रिजरेटर में संग्रहीत करने की अवधारणा उनके लिए नई होंगी । वे भोजन को संरक्षित करने के लिए उसे सुखाने या नमक लगाने पर निर्भर होंगे।
(6) सामान्य रसोई उपकरण विभिन्न सामग्रियों जैसे- स्टेनलेस स्टील, काँच, प्लास्टिक, एल्यूमीनियम और लोहे से बने होते हैं। हड़प्पा के समय में ये सामग्रियाँ उपलब्ध नहीं थीं।

Question 5.
इस अध्याय के सभी चित्रों पर दृष्टि डालते हुए उन आभूषणों / हाव-भावों / वस्तुओं की सूची बनाइए, जो अभी भी 21वीं शताब्दी में परिचित प्रतीत होती हैं।
उत्तर:
इस अध्याय में दिए गए चित्रों से कुछ आभूषण, हाव-भाव और वस्तुएँ जो आज भी परिचित लगती हैं, उनमें शामिल हैं :
(1) चूड़ियाँ : भारत में विशेष रूप से राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सों में चूड़ियों का उपयोग आज भी बहुत लोकप्रिय है, जैसा कि हड़प्पा काल में थी ।
(2) हार और झुमके : मोतियों और धातुओं से बने हुए हार और झुमके जैसे आभूषण प्राचीन और आधुनिक दोनों समय में देखे जा सकते हैं।
(3) मिट्टी के बर्तन : हड़प्पा सभ्यता के मिट्टी के बर्तनों पर बने डिजाइन आज हम जो पारंपरिक मिट्टी के बर्तन देखते हैं, कुछ शैलियों के समान हैं।
(4) नृत्य करती आकृतियाँ : वे मूर्तियाँ जो नृत्य या गति का चित्रण हमें आधुनिक संस्कृति में नृत्य के महत्व की याद दिलाता है।
(5) कृषि उपकरण : प्राचीन काल में खेती में प्रयुक्त औजार विकसित हो गए हैं, लेकिन आज भी वे कृषि में उसी उद्देश्य की पूर्ति करते हैं।
Question 6.
धौलावीरा के जलाशयों की प्रणाली क्या सोच प्रतिबिंबित करती है?
उत्तर:
धौलावीरा में जलाशयों की व्यवस्था थी। यह ऐसी जगह पर स्थित है, जहाँ कोई महत्वपूर्ण नदियाँ नहीं बहती थी जल ही जीवन है। उन्हें जलाशयों की आवश्यकता थी। उन्होंने कम-से-कम छः बड़े जलाशय बनाए। वे पत्थरों से बनाए गए हैं या चट्टान को काटकर बनाए गए हैं। उनमें से अधिकांश को कुशल जल संचयन और वितरण के लिए भूमिगत नालियों के माध्यम से जोड़ा गया था।
शासक या सरकार ने काम पर रखे गए मजदूरों और अधिकारियों को भुगतान करने की व्यवस्था की। विशेषज्ञ लोग थे, उनके पास जलाशय बनाने की तकनीक थी। मजदूरों को सही निर्देश देने के लिए कुछ पर्यवेक्षकों की भी जरूरत थी। जब समस्याएँ होती हैं, तो समाधान भी होता है। मोहनजोदड़ो के ज्यादातर घरों में कम-से-कम एक निजी कुआँ था। सार्वजनिक कुएँ भी थे। पानी का मुख्य स्रोत कुएँ थे। कुओं के रख-रखाव और संचालन का खर्च बहुत कम था। कुछ सालों के बाद कुओं का फिर से निर्माण किया गया। कुओं को बनाने का मुख्य खर्च ईंटों और मजदूरी का था। किसी तरह सरकार सार्वजनिक कुओं का रख-रखाव और पुनर्निर्माण करती थी।
Question 7.
मोहनजोदड़ो में ईंटों से निर्मित 700 कुओं की गणना की गई है। ऐसा लगता है कि उनका नियमित रूप से रख-रखाव किया जाता रहा और अनेक शताब्दियों तक उनका उपयोग किया जाता रहा । निहितार्थों पर चर्चा कीजिए ।
उत्तर:
मोहनजो-दड़ो में लगभग 700 कुओं की उपस्थिति से पता चलता है कि लोगों को पानी का मुख्य स्रोत कुएँ थे । मोहनजोदड़ो के ज्यादातर घरों में कम-से-कम एक कुआँ जरूर था। उन्होंने कई शताब्दियों तक कुओं का रख-रखाव और पुनर्निर्माण किया ।
वहाँ सार्वजनिक कुएँ भी थे। इन कुओं के नियमित रख-रखाव से पता चलता है कि हड़प्पावासी स्वच्छता और स्वास्थ्य को महत्व देते थे, क्योंकि उन्हें पीने, खाना पकाने और नहाने के लिए ताजे पानी की आवश्यकता होती थी।
इसका यह भी अर्थ है कि उनके पास एक सुव्यवस्थित समुदाय था, जो अपनी जल आपूर्ति को स्वच्छ और सुलभ बनाए रखने के लिए मिलकर काम करता था।
यह तथ्य कि इन कुओं का उपयोग कई शताब्दियों तक किया गया, यह दर्शाता है कि शहर टिकाऊ था और लोगों की जीवनशैली स्थिर थी ।
यह उनके उन्नत इंजीनियरिंग कौशल और समय के साथ अपने पर्यावरण के अनुकूल ढलने की उनकी क्षमता को दर्शाता है।
Question 8.
सामान्यतः यह कहा जाता है कि हड़प्पावासियों में नागरिकता का उच्च भाव था । इस कथन के महत्व पर चर्चा कीजिए। क्या आप इससे सहमत हैं? वर्तमान भारत के महानगरों के नागरिकों के साथ इसकी तुलना कीजिए ।
उत्तर:
हडप्पा सभ्यता सदियों तक अस्तित्व में रही।
• सरकार के पास सार्वजनिक उपयोगिताओं के रख-रखाव और निर्माण के लिए पर्याप्त धनराशि थी ।
वे कृषि, पशुपालन, स्वच्छता, व्यापार और संस्कृति तथा नगर नियोजन में विशेषज्ञ थे।
• हड़प्पावासियों के पास तकनीकी कौशल था और वे पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुँचाते थे।
इसीलिए अक्सर कहा जाता है कि हड़प्पावासियों में उच्च नागरिक भावना थी ।
हाँ, मैं इससे सहमत हूँ।
भारत के बड़े शहरों में नागरिक दूसरों और कानून का सम्मान करते हैं। सार्वजनिक स्थानों को साफ रखें, नुकसान न पहुँचाएँ और उन पर कब्जा न करें । संविधान के अधिकार और कर्तव्यों का पालन करें।
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