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Class 6 Hindi Malhar Chapter 6 Meri Maa Questions and Answers | NCERT Solutions

 

मेरी माँ Question Answer

पाठ से

आइए, अब हम इस कविता पर विस्तार से चर्चा करें। आगे दी गई गतिविधियाँ इस कार्य में आपकी सहायता करेंगी।

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन- उसके सामने तारा (★) बनाइए-
(1) ‘किंतु यह इच्छा पूर्ण होती दिखाई नहीं देती।’ बिस्मिल को अपनी किस इच्छा के पूर्ण न होने की आशंका थी?

  • भारत माता के साथ रहने की
  • अपनी प्रतिज्ञा पर दृढ़ रहने की
  • अपनी माँ की जीवनपर्यंत सेवा करने की
  • विलास तथा ऐश्वर्य भोगने की

उत्तर:
अपनी माँ की जीवनपर्यंत सेवा करने की

(2) रामप्रसाद बिस्मिल की माँ का सबसे बड़ा आदेश क्या था?

  • देश की सेवा करें
  • कभी किसी के प्राण न लेना
  • कभी किसी से छल न करना
  • सदा सच बोलना

उत्तर :
कभी किसी के प्राण न लेना

(ख) अब अपने मित्रों के साथ तर्कपूर्ण चर्चा कीजिए कि आपने ये ही उत्तर क्यों चुनें?
उत्तर :
(1) उपर्युक्त उत्तर को हमने इसलिए चुना क्योंकि बिस्मिल सच्चे देशभक्त थे। देशभक्ति की इस राह पर चलने में उनकी माँ ने उन्हें सहारा देने के साथ-साथ प्रेरित भी किया। जीवन को सही दिशा देने वाली अपनी माँ से वह बहुत प्रेम करते थे । वह स्वतंत्रता मिलने के पश्चात् अपनी जन्मदात्री की सेवा करना चाहते थे। उन्हें मृत्युदंड दिया जा चुका था, अत: उनके जीवन का अंत जेल में ही हो जाना था।

(2) रामप्रसाद बिस्मिल की शिक्षादि के अतिरिक्त उनके क्रांतिकारी जीवन में भी उनकी माँ उनकी सहायता की थी। इस सबके बाद भी उनका बड़ा आदेश था कि ” शत्रु को कभी प्राणदंड न देना।” अतः यह उत्तर उचित है।

पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें पढ़कर समझिए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? कक्षा में अपने विचार साझा कीजिए और लिखिए।
(क) “यदि मुझे ऐसी माता न मिलतीं, तो मैं भी अति साधारण मनुष्यों की भाँति संसार-चक्र में फँसकर जीवन निर्वाह करता।”
उत्तर :
रामप्रसाद बिस्मिल की माँ का विवाह मात्र ग्यारह वर्ष की अवस्था में हो गया था। उस समय वह अशिक्षित थीं। अपनी इच्छा-शक्ति व लगन के बल पर उन्होंने घर पर ही अपनी एक सहेली से अक्षर ज्ञान लिया। ग्रामीण परिवेश में पली-बड़ी उनकी माँ उदार विचारों वाली थीं। उनके पिता जी व दादी जी के विरोध के बावजूद उन्होंने अपने पुत्र को देश-प्रेम की भावना प्रोत्साहित करने व क्रांतिकारी बनने में उनका सहयोग दिया। देश की आज़ादी में जो उनका अमूल्य योगदान है उसका श्रेय उनकी माँ को ही जाता है। माँ की शिक्षा और सहयोग के बिना तो वह भी साधारण मनुष्यों वाला जीवन ही व्यतीत करते ।

(ख) “उनके इस आदेश की पूर्ति करने के लिए मुझे मज़बूरन दो-एक बार अपनी प्रतिज्ञा भंग करनी पड़ी थी । ”
उत्तर :
बिस्मिल माँ का कहना था कि कभी किसी की प्राणहानि मत करना और कभी शत्रु को प्राणदंड न देना । रामप्रसाद बिस्मिल क्रांतिकारी थे। क्रांतिकारी दल आत्मरक्षा के लिए अपने पास हथियार भी रखता था। क्रांतिकारी सदस्यों के दल के प्रति वफादारी के साथ-साथ अन्य कठोर प्रतिज्ञा भी करनी होती थी अन्यथा वे अपना उद्देश्य पूरा नहीं कर सकते थे। फिर भी उन्होंने अपनी माँ के आदेश का पालन किया।

NCERT Class 6 Hindi Malhar Chapter 6 Question Answer मेरी माँ

मिलकर करें मिलान

पाठ में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थ या संदर्भों से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट, अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।
NCERT Class 6 Hindi Malhar Chapter 6 Question Answer मेरी माँ 1
उत्तर :

शब्दअर्थ या संदर्भ
1. देवनागरी4. सिखों के दसवें और अंतिम गुरु थे। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की ।
2. आर्यसमाज3. इटली के गुप्त राष्ट्रवादी दल का सेनापति; इटली का मसीहा था; जिसने लोगों को एक सूत्र में बाँधा।
3. मेजिनी2. महर्षि दयानंद द्वारा स्थापित एक संस्था ।
4. गोबिंद सिंह1. भारत की एक भाषा लिपि जिसमें हिंदी, संस्कृत, मराठी आदि भाषाएँ लिखी जाती हैं।

सोच विचार के लिए

पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और दिए गए प्रश्नों के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन – पुस्तिका में लिखिए।

प्रश्न 1.
बिस्मिल की माता जी जब ब्याह कर आईं तो उनकी आयु काफ़ी कम थी।
(क) फिर भी उन्होंने स्वयं को अपने परिवार के अनुकूल कैसे ढाला?
उत्तर :
बिस्मिल की माता जी जब ब्याह कर आई थीं तो उस समय उनकी आयु मात्र ग्यारह वर्ष की थीं। नितांत अशिक्षित एक ग्रामीण कन्या थीं। किंतु उनके परिवार ने उन्हें बहुत अच्छे संस्कार दिए थे। वह समझदार, परिश्रमी एवं कुशाग्रबुद्धि थीं। बिस्मिल की दादी जी ने अपनी छोटी बहन को बुला लिया। दादी जी की छोटी बहन ने ही उनकी माता जी को गृह-गृहस्थी सँभालने और काम करने की शिक्षा दी। यह सब कार्य सीखकर उन्होंने स्वयं को बहुत जल्दी अपने इस नए परिवार के अनुकूल ढाल लिया।

(ख) उन्होंने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर स्वयं को कैसे शिक्षित किया?
उत्तर :
बिस्मिल की माता जी विवाह के समय मात्र ग्यारह वर्ष की अशिक्षित ग्रामीण कन्या थीं। परिवार के अनुरूप ढलने और बिस्मिल के होने के पाँच सात साल बाद उन्हें स्वयं ही पढ़ने का शौक पैदा हुआ। घर में आने वाली सखी-सहेलियों में से कुछ पढ़ी-लिखी थीं। उनसे मिलकर उनमें पढ़ने की इच्छा जागृत हो गई। घर का सब काम करने के बाद जो समय मिलता, उसमें वे अपनी सखियों से अक्षर ज्ञान प्राप्त करतीं। इस प्रकार अपने परिश्रम और इच्छा-शक्ति के बल पर उन्होंने स्वयं को शिक्षित करके देवनागरी की पुस्तकें पढ़नी आरंभ कर दी।

प्रश्न 2.
बिस्मिल को साहसी बनाने में उनकी माता जी ने कैसे सहयोग दिया?
उत्तर :
बिस्मिल को साहसी बनाने में उनकी माता जी ने हमेशा उन्हें सहयोग दिया।
आरंभ में ही लखनऊ कांग्रेस में जाने के लिए बिस्मिल की दादी जी और पिता जी के विरोध करने के बाद भी उनकी माता जी ने उन्हें वहाँ भेजने के साथ उन्हें खर्च के लिए पैसे भी दिए। बिस्मिल की माता जी ने कभी भी उनका उत्साह भंग न होने दिया। इसके लिए कई बार उन्हें अपने पति से डाँट फटकार एवं दंड भी सहना पड़ा। अपनी माता जी के सद्व्यवहार और प्रोत्साहन ने ही उन्हें साहसी बनाया।

प्रश्न 3.
आज से कई दशक पहले बिस्मिल की माँ शिक्षा के महत्व को समझती थीं, बताइए कैसे?
उत्तर :
आज से कई दशक पहले बिस्मिल की माँ शिक्षा के महत्व को समझती थीं। तभी तो ग्रामीण परिवेश से आई अनपढ़ बालिका ने जब ससुराल की जिम्मेदारियों को निबाहना सीख लिया, तब उन्होंने घर के काम-काज निबटाकर थकी होने के बावजूद अपने घर पर आने वाली अपनी शिक्षित सखियों की शिक्षा का लाभ उठाकर पढ़ना-लिखना सीखा। पढ़कर अपनी बेटियों की पढ़ाई में भी उनकी सहायता की ।

प्रश्न 4.
हम कैसे कह सकते हैं कि बिस्मिल की माँ स्वतंत्र और उदार विचारों वाली थीं?
उत्तर :
बिस्मिल की माँ स्वतंत्र व उदार विचारों वाली महिला थीं।
परिवार के मना करने के बावजूद उन्होंने बिस्मिल की इच्छा पूरी करने के लिए लखनऊ कांग्रेस में भेजा और खर्च के पैसे भी दिए। बिस्मिल के पिता जी और उनकी दादी जी उनका कम आयु में ही विवाह करना चाहते थे किंतु उनकी माँ ने कहा कि शिक्षा पूरी करने के पश्चात ही विवाह करना उचित होगा। साथ-साथ उन्होंने क्रांतिकारी पुत्र को शत्रु को मृत्युदंड देने के लिए मना किया।

NCERT Class 6 Hindi Malhar Chapter 6 Question Answer मेरी माँ

आत्मकथा की रचना

यह पाठ रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ की आत्मकथा का एक अंश है। आत्मकथा यानी अपनी कथा | दुनिया में अनेक लोग अपनी आत्मकथा लिखते हैं; कभी अपने लिए, तो कभी दूसरों के पढ़ने के लिए।
(क) इस पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और अपने-अपने समूह में मिलकर इस पाठ की ऐसी पंक्तियों की सूची बनाइए जिनसे पता लगे कि लेखक अपने बारे में कह रहा है।
उत्तर :
विद्यार्थी अपने समूह की सूची स्वयं साझा करें।

(ख) अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।
उत्तर :
समूह – सूची-
1. लखनऊ कांग्रेस में जाने के लिए मेरी बड़ी इच्छा थी।
2. मैं बड़े उत्साह के साथ सेवा समिति में सहयोग देता था।
3. माता जी के प्रोत्साहन और सद्व्यवहार ने मेरे जीवन में वह दृढ़ता उत्पन्न की कि किसी आपत्ति या संकट के आने पर भी मैंने अपने संकल्प को न त्यागा।
4. मैंने वकालतनामें पर अपने पिता जी के हस्ताक्षर करने के लिए मना कर दिया।
5. यदि मुझे ऐसी माता न मिलती तो मैं भी अति साधारण मनुष्यों की भाँति संसार-चक्र में फँसकर जीवन निर्वाह करता ।
6. जन्मदात्री जननी! इस जीवन में तो मुझे तुम्हारा ऋण उतारने का अवसर न मिला। इस जन्म तो क्या यदि मैं अनेक जन्मों में भी सारे जीवन प्रयत्न करूँ तो भी तुमसे उऋण नहीं हो सकता।
7. तुमने जिस प्रकार देववाणी का उपदेश देकर मेरा सुधार किया है, तुम्हारी दया से ही मैं देश – सेवा में संलग्न हो सका ।
8. धार्मिक जीवन में भी तुम्हारे ही प्रोत्साहन ने सहायता दी।
9. जन्म-जन्मांतर परमात्मा ऐसी ही माता दें।
10. तुम्हारी दया की छाया में मैंने अपने जीवन भर में कोई कष्ट अनुभव नहीं किया।
11. इस संसार में मेरी किसी भी भोग-विलास तथा ऐश्वर्य की इच्छा नहीं है। केवल एक इच्छा है, वह यह कि एक बार श्रद्धापूर्वक तुम्हारे चरणों की सेवा करके अपने जीवन को सफल बना लेता। किंतु यह इच्छा पूर्ण होती नहीं दिखाई देती और तुम्हें मेरी मृत्यु की दुखभरी खबर सुनाई जाएगी।
12. जन्मदात्री ! वर दो कि अंतिम समय भी मेरा हृदय किसी प्रकार विचलित न हो और तुम्हारे चरण-कमलों को प्रणाम कर मैं परमात्मा का स्मरण करता हुआ शरीर त्याग करूँ ।

शब्द प्रयोग तरह-तरह के

(क) “ माता जी उनसे अक्षर-बोध करतीं ।” इस वाक्य में अक्षर- – बोध का अर्थ है- अक्षर का बोध या ज्ञान ।
एक अन्य वाक्य देखिए- “जो कुछ समय मिल जाता, उसमें पढ़ना लिखना करतीं ।” इस वाक्य में पढ़ना-लिखना अर्थात पढ़ना-लिखना ।
हम लेखन में शब्दों को मिलाकर छोटा बना लेते हैं, जिससे समय, स्याही, कागज़ आदि की बचत होती है। संक्षेपीकरण मानव का स्वभाव भी है। इस पाठ से ऐसे शब्द खोजकर सूची बनाइए ।
उत्तर :
बचते-बचाते, सेवा समिति, काम-काज, पढ़ना-लिखना, देश – सेवा, भोग-विलास, धर्म-रक्षार्थ ।

पाठ से आगे

आपकी बात

(क) रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ के मित्रों के नाम खोजिए और स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भागीदारी पर कक्षा में चर्चा कीजिए ।
उत्तर :
पंडित राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ का जन्म 11 जून, 1897 को शाहजहाँपुर में हुआ था। वे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की क्रांतिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी थे। उनका जन्म तोमर राजपूत परिवार में हुआ था। पंडित एक सम्मानजनक उपाधि थी जो उन्हें कई विषयों पर उनके विशेष ज्ञान के कारण प्रदान की गई।

‘बिस्मिल’ ने मातृवेदी (मातृभूमि की वेदी) नामक एक क्रांतिकारी संगठन बनाया और औरेया के एक स्कूल शिक्षक गेंदा लाल दीक्षित से संपर्क करके अन्य लोगों को इसमें शामिल किया।
‘बिस्मिल’ की तरह दीक्षित ने भी ‘शिवाजी समिति’ नामक युवाओं का सशस्त्र संगठन बनाया था। पार्टी के लिए धन जुटाने के लिए 1918 में तीन मौकों पर लूटपाट की गई। 1919 1920 में भूमिगत रहे। 1921 में उनके मित्रों में प्रेम कृष्ण खन्ना, अशफाक उल्ला खांन, मौलाना हसरत मोहानी आदि थे। बिस्मिल का मानना था कि अहिंसा के माध्यम से कभी स्वतंत्रता प्राप्त नहीं हो सकती। लाला हरदयाल, सचिंद्रनाथ सान्याल, जादूगोपाल मुखर्जी आदि उनके मित्र थे।

9 अगस्त 1925 को हुए काकोरी कांड में बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, रोशन सिंह और राजेंद्रनाथ लाहिड़ी को मौत की सजा सुनाई गई । ‘बिस्मिल’ को 19 दिसंबर 1927 को गोरखपुर जेल, अशफाक उल्ला खान को फैजाबाद जेल और ठाकुर रोशन सिंह को नैनी इलाहाबाद जेल में फाँसी दी गई। लाहिड़ी को दो दिन पहले गौंडा जेल में फाँसी दी गई थी।

(ख) नीचे लिखे बिंदुओं को आधार बनाते हुए अपनी माँ या अपने अभिभावक से बातचीत कीजिए और उनके बारे में गहराई से जानिए कि उनका प्रिय रंग, भोज्य पदार्थ, गीत, बचपन की यादें, प्रिय स्थान आदि कौन-कौन से थे?

उदाहरण के लिए-
1. आपका जन्म कहाँ हुआ था ?
2. आपकी प्रिय पुस्तक का नाम क्या है?
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।

पुस्तकालय या इंटरनेट से

आप पुस्तकालय से रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ की आत्मकक्षा खोजकर पढ़िए।
देशभक्तों से संबंधित अन्य पुस्तकें, जैसे- उनके पत्र, आत्मकथा, जीवनी आदि पढ़िए और अपने मित्रों से साझा कीजिए ।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।

शब्दों की बात

आप अपनी माँ को क्या कहकर संबोधित करते हैं? अन्य भाषाओं में माँ के लिए प्रयुक्त संबोधन और माँ के लिए शब्द ढूँढ़िए । क्या उनमें कुछ समानता दिखती है? हाँ, तो क्या ?
उत्तर

  • माँ के लिए अन्य भाषाओं में अलग-अलग नाम हैं:
  • जैसे – संस्कृत में ‘मातृ’, फ्रासीसी में, मेरे या ‘मामन’, जर्मन में ‘मटर’ ग्रीक में ‘मामा’ इटालियन में ‘माद्रे’ आदि ।
  • हाँ, इनमें कुछ समानता दिखती है। सभी भाषा में माँ के लिए उपयोग किए जाने शब्दों में ‘म’ अक्षर आता है क्योंकि जब एक शिशु बोलने की कोशिश करता है तो मम्मा ही बोलता है।

NCERT Class 6 Hindi Malhar Chapter 6 Question Answer मेरी माँ

आज की पहेली

यहाँ दी गई वर्ग पहेली में पाठ से बारह विशेषण दिए गए हैं। उन्हें छाँटकर पाठ में रेखांकित कीजिए ।
NCERT Class 6 Hindi Malhar Chapter 6 Question Answer मेरी माँ 2
उत्तर :
(1) धार्मिक
(2) मंगलमयी
(3) महान
(4) प्रत्येक
(5) स्वाधीन
(6) साधारण
(7) दुखभरी
(8) ग्यारह
(9) छोटी
(10) मनोहर
(11) खूब
(12) कम

झरोखे से

NCERT Class 6 Hindi Malhar Chapter 6 Question Answer मेरी माँ 3

ऐ मातृभूमि !
ऐ मातृभूमि ! तेरी जय हो, सदा विजय हो ।
प्रत्येक भक्त तेरा, सुख-शांति – कांतिमय हो ।
अज्ञान की निशा में, दुख से भरी दिशा में;
संसार के हृदय में, तेरी प्रभा उदय हो।
तेरा प्रकोप सारे जग का महाप्रलय हो ।
तेरी प्रसन्नता ही आनंद का विषय हो ।
वह भक्ति दे कि ‘बिस्मिल’ सुख में तुझे न भूले,
वह शक्ति दे कि दुख में कायर न यह हृदय. हो ।

– रामप्रसाद ‘बिस्मिल’
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं गायन करें।

खोजबीन के लिए

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उत्तर :
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