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Class 6 Hindi Malhar Chapter 3 Pehli Boond Questions and Answers | NCERT Solutions

 

पहली बूँद Question Answer

पाठ से

आइए, अब हम इस कविता पर विस्तार से चर्चा करें। आगे दी गई गतिविधियाँ इस कार्य में आपकी सहायता करेंगी।

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए:-
(1) कविता में ‘नवजीवन की ले अँगड़ाई’ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है ?

  • बादल
  • अंकुर
  • बूँद
  • पावस

उत्तर :
अंकुर (★)

(2) ‘नीले नयनों-सा यह अंबर, काली पुतली से ये जलधर’ में ‘काली पुतली’ है-

  • बारिश की बूँदें
  • वृद्ध धरती
  • नगाड़ा
  • बादल

उत्तर :
बादल (★)

(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर क्यों चुने?
उत्तर :
अंकुर के माध्यम से पौधा या वृक्ष उत्पन्न होता है, इसलिए नव-जीवन अर्थात नया जीवन की ले अँगड़ाई ‘अंकुर’ के लिए प्रयुक्त है। आकाश का रंग नीला है। उसमें पानी बरसाने वाले बादल भरे हुए हैं। उनका रंग काला है। अतः आकाश को नयन और बादलों को उसकी काली पुतली माना गया है।

NCERT Class 6 Hindi Malhar Chapter 3 Question Answer पहली बूँद

मिलकर करें मिलान

कविता की कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन पंक्तियों में कुछ शब्द रेखांकित हैं। दाहिनी ओर रेखांकित शब्दों के भावार्थ दिए गए हैं। इनका मिलान कीजिए।
NCERT Class 6 Hindi Malhar Chapter 3 Question Answer पहली बूँद 1
उत्तर :

कविता की पंक्तियाँभावार्थ
1. आसमान में उड़ता सागर, लगा बिजलियों के स्वर्णिम पर2. बादल
2. बजा नगाड़े जगा रहे हैं, बादल धरती की तरुणाई1. मेघ गर्जना
3. नीले नयनों-सा यह अंबर, काली पुतली से ये जलधर ।4. आकाश
4. वसुंधरा की रोमावलि -सी हरी दूब लकी – मुसकाई ।3. हरी दूब

पंक्तियों पर चर्चा

कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार कक्षा में अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-

” आसमान में उड़ता सागर, लगा बिजलियों के स्वर्णिम पर, बजा नगाड़े जगा रहे हैं, बादल धरती की तरुणाई ॥ ”
“नीले नयनों – सा यह अंबर, काली पुतली – से ये जलधर । करुणा – विगलित अश्रु बहाकर, धरती की चिर-प्यास बुझाई।”
उत्तर:

  • वर्षा ऋतु के आने पर आसमान में घने बादल छाए हुए हैं. ऐसा लगता है मानो पूरा समुद्र ही बादल बनकर आकाश में छा गया है। आकाश में सुनहरी – रूपहली बिजलियाँ चमक रही हैं। ऐसा लगता है जैसे बादलों को स्वर्णिम पंख लग गए हैं। बादल ज़ोर-शोर से गरज रहे हैं। उनका शोर नगाड़ों को भी मात दे रहा है। बादलों के बरसने के कारण धरती का यौवन फिर से जाग उठा है।
  • कवि ने उपमा अलंकार के माध्यम से बादलों का बहुत सुंदर वर्णन किया है। आँखों से हम जग की सुंदरता को देखते हैं, इसलिए कवि को आकाश सुंदर नीले नेत्रों जैसा लग रहा है। इन नीले नेत्रों में काले-काले बादल आँखों की पुतलियों के समान लग रहे हैं। बादल इतने जोर से बरस रहे हैं मानो गर्मी से सूखी धरती को देखकर वे करुणा से व्याकुल हो गए हैं। अपने जल से उन्होंने लंबे समय से प्यासी धरती की प्यास बुझाई है।

सोच-विचार के लिए

कविता को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-

  • बारिश की पहली बूँद से धरती का हर्ष कैसे प्रकट होता है ?
  • कविता में आकाश और बादलों को किनके समान बताया गया है?

उत्तर :

  • बारिश की पहली बूँद से धरती का हर्ष उससे फूटने वाले नए, छोटे-से अंकुर के माध्यम से दिखाई देता है ।
  • कविता में आकाश को नीले नेत्रों के समान और बादलों को काली पुतलियों के समान बताया गया है।

कविता की रचना

‘आसमान में उड़ता सागर, लगा बिजलियों के स्वर्णिम पर ‘ कविता की इस पंक्ति का सामान्य अर्थ देखें तो समुद्र का आकाश में उड़ना असंभव होता है। लेकिन जब हम इस पंक्ति का भावार्थ समझते हैं तो अर्थ इस प्रकार निकलता है – समुद्र काजल बिजलियों के सुनहरे पंख लगाकर आकाश में उड़ रहा हैं। ऐसे प्रयोग न केवल कविता की सुंदरता बढ़ाते हैं बल्कि उसे आनंददायक भी बनाते हैं। इस कविता में ऐसे दृश्यों को पहचानें और उन पर चर्चा करें।
उत्तर :
कविता कवि के हृदय से स्वयं प्रस्फुटित होती है, इसलिए कविता में कई ऐसे प्रयोग देखने को मिलते हैं जो यथार्थपूर्ण नहीं लगते, पर उन प्रयोगों से कविता की सुंदरता तो बढ़ती ही है । साथ-ही-साथ कविता पढ़ने में आनंद भी आता है। इस कविता में भी ऐसे कई प्रयोग देखने को मिले हैं। वसुंधरा की रोमावलि -सी, हरी दूब लकी- मुसकाई ।
रोमावलि सजीव व प्राणवान जीवों में पाई जाती है, पर यहाँ कवि ने कल्पना करके वर्षा के बाद धरती में पैदा हुई हरी घास को ही रोमावलि कह दिया है। घास को पुलककर मुसकराते हुए वर्णित किया गया है।

बजा नगाड़ें जगा रहे हैं
बादल धरती की तरुणाई ।

मानवीकरण अलंकार के माध्यम से बादलों को नगाड़े बजाते बताया गया है। तरुणाई प्राणी जगत की होती है। यहाँ बादलों को नगाड़े बजाकर धरती के यौवन को जगाने का प्रयत्न करते हुए बताया गया है।

नीले नयनों-सा यह अंबर
कालीं पुतली-से ये जलधर ।

आकाश को नेत्र और बादलों की उनकी पुतली कहा गया है।

करुणा-विगलित अश्रु बहाकर,
धरती की चिर-प्यास बुझाई।
बूढ़ी धरती शस्य – श्यामला,
बनने को फिर से ललचाई |

आकाश को भी सजीव बताया गया है। सूखी धरती की व्याकुलता देखकर बादलों ने करुणा से भरकर जो आँसू बहाए हैं, वे ही वर्षा के रूप में बरसे हैं। इन्हीं से चर धरती की प्यास बुझी है। गर्मी से शुष्क हुई बूढ़ी धरती वर्षा की बूँदें पाकर फिर से हरी-भरी होने की अपनी लालसा से भर उठी है।

NCERT Class 6 Hindi Malhar Chapter 3 Question Answer पहली बूँद

शब्द एक अर्थ अनेक

अंकुर फूट पड़ा धरती से, नव-जीवन की ले अँगड़ाई’ कविता की इस पंक्ति में ‘फूटने’ का अर्थ पौधे का अंकुरण है। ‘फूट’ का प्रयोग अलग-अलग अर्थों में किया जाता है, जैसे- फूट डालना, घड़ा फूटना आदि। अब फूट शब्द का प्रयोग ऐसे वाक्यों में कीजिए जहाँ इसके भिन्न-भिन्न अर्थ निकलते हों, जैसे- अंग्रेज़ों की नीति थी फूट डालो और राज करो ।
उत्तर :

  • क्रिकेट खेलें अथवा फुटबॉल, इस पर सहमति नहीं होने के कारण बच्चों में ही फूट पड़ जाती है।
  • पाप का घड़ा अवश्य ही फूटता है।

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द

‘नीले नयनों-सा यह अंबर, काली पुतली – से ये जलधर, कविता की इस पंक्ति में ‘जलधर’ शब्द आया है। ‘जलधर’ दो शब्दों से बना है, जल और धर । इस प्रकार जलधर का शाब्दिक अर्थ हुआ जल को धारण करने वाला । बादल और समुद्र ; दोनों ही जल धारण करते हैं। इसलिए दोनों जलधर हैं। वाक्य के संदर्भ या प्रयोग से हम जान सकेंगे कि जलधर का अर्थ समुद्र है या बादल । शब्दकोश या इंटरनेट की सहायता से ‘धर’ से मिलकर बने कुछ शब्द और उनके अर्थ ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर :

  • भूधर – पर्वत, पृथ्वी को धारण करने वाला शेषनाग ।
  • गंगाधर – गंगा को धारण करने वाले अर्थात शिव, शिव का एक नाम गंगाधर भी है।
  • मायाधर – मायावी ।
  • श्रीधर – श्री को धारण करने वाले अर्थात विष्णु ।
  • चक्रधर – चक्रधर को धारण करने वाले श्रीकृष्ण ।

शब्द पहेली

दिए गए शब्द – जाल में प्रश्नों के उत्तर खोजें-
NCERT Class 6 Hindi Malhar Chapter 3 Question Answer पहली बूँद 2
(क) एक प्रकार का वाद्य यंत्र ____________________
(ख) आँख के लिए एक अन्य शब्द ____________________
(ग) जल को धारण करने वाला ____________________
(घ) एक प्रकार की घास ____________________
(ङ) आँसू का समानार्थी ____________________
(च) आसमान का समानार्थी शब्द ____________________
उत्तर :
(क) नगाड़ा
(ख) नयन
(ग) जलधर
(घ) दूब
(ङ) अश्रु
(च) अंबर

पाठ से आगे

आपकी बात

बारिश को लेकर हर व्यक्ति का अनुभव भिन्न होता है। बारिश आने पर आपको कैसा लगता है? बताइए।
आपको कौन-सी ऋतु सबसे अधिक प्रिय है और क्यों ? बताइए।
उत्तर :
वर्षा का आगमन मुझे बहुत अच्छा लगता है । वर्षा आने पर मन आनंदमग्न हो जाता है। वर्षा से ही धरती की प्यास बुझती है। वर्षा में भीगकर मन प्रसन्न हो जाता है। मेरे परिवार में सभी को वर्षा ऋतु पसंद हैं। चारों तरफ हरियाली छा जाती है। वृक्षों के पत्ते धुलकर साफ़ हो जाते हैं। हर वस्तु आवश्यकतानुसार ही लाभदायक होती है। ‘अति’ हमेशा दुखदायी होती है। बहुत अधिक वर्षा होने पर घर से बाहर निकलकर रोज़मर्रा के काम करना मुश्किल हो जाता है। कभी-कभी तो अति वर्षा से बाढ़ जैसे विनाशकारी दृश्य उपस्थित हो जाते हैं, जिनसे जन-धन और फसल को भारी नुकसान हो जाता है।

मुझे वर्षा ऋतु सबसे अधिक प्रिय है। यह मुझे झुलसाती गर्मी से राहत देती है। सूखी धरती फिर से प्राणवान हो जाती है। पेड़-पौधों की हरियाली बढ़ जाती है। नए-नए अंकुर फूटने लगते हैं। आकाश में छाए बादल मन को मोह लेते हैं। वर्षा में भीगते हुए बाहर घूमना मुझे विशेष प्रिय है। हम सभी मित्र मिलकर कागज़ की नाव बनाकर पानी में चलाते हैं। पानी में छप छप कर कूदने का अलग ही मज़ा है। लोग छतरियाँ लिए घूमते दिखाई देते हैं। गर्मा-गर्म पकौड़े खाना इस मौसम में विशेष अच्छा लगता है।

समाचार माध्यमों से

प्रत्येक मौसम समाचार के विभिन्न माध्यमों (इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंट या सोशल मीडिया) के प्रमुख समाचारों में रहता है। संवाददाता कभी बाढ़ तो कभी सूखे या भीषण ठंड के समाचार देते दिखाई देते हैं। आप भी बन सकते हैं संवाददाता या लिख सकते हैं समाचार |

अत्यधिक गर्मी, सर्दी या बारिश में आपने जो स्थिति देखी है, उसका आँखों देखा हाल अपनी कक्षा में प्रस्तुत कीजिए ।
उत्तर :
अत्यधिक गर्मी : उफ! यह गर्मी ! यह भीषण गर्मी तो जान ही ले लेगी। इस गर्मी ने तो सभी को घर में कैद करके रख दिया है। ए० सी० के बिना तो एक मिनट भी रहना मुश्किल है। मौसम विभाग ने इस गर्मी के कारण चार दिन का’ ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। कृपया आप अपना ध्यान रखें। बहुत आवश्यक होने पर ही घर से बाहर निकलें। घर में रहकर ठंडे फल और पेय पदार्थ का आनंद लें। अत्यधिक सर्दी : धीरे-धीरे गर्मी का कम होना और सर्दी का आना हमें आनंददायक लगता है, किंतु अब ऐसा लगता है कि ठंड के मारे हाथ-पैर ने काम करना बंद कर दिया है। सभी का घर में बंद होकर बिस्तर में पड़े रहने का मन करता है। सर्दियों में बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। अभी ठंड और बढ़ने के आसार हैं। घर से बाहर निकलने से पहले मोटी जैकेट टोपी, दस्ताने पहनकर ही कहीं जाए। कई राज्यों में शीत लहर के कारण कुछ लोगों की मृत्यु हो गई है। कृपया अपना ध्यान रखें।

अत्यधिक वर्षाः वर्षा हम सबके लिए जीवनदायिनी है। जिस प्रकार अनावृष्टि दुखदायी है, उसी प्रकार अत्यधिक वर्षा भी दुखदायी है। देश के पश्चिमी राज्यों में अधिक वर्षा ने कहर बरपा रखा है। सड़कें जलमग्न हो गई हैं। खड़ी फसल नानी में डूब कर नष्ट हो गई हैं। लोगों के घरों व अन्य

इमारतों में पानी घुस गया है। सरकार भरसक प्रयत्न कर रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। घरों की छतों पर खाने-पीने का सामान हेलीकॉप्टर के माध्यम से भिजवाया जा रहा है। अन्य राज्यों से बहकर आई नदियों के पानी का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है।

सृजन
NCERT Class 6 Hindi Malhar Chapter 3 Question Answer पहली बूँद 3
नाम देना भी सृजन है। ऊपर दिए गए चित्र को ध्यान से देखिए और इसे एक नाम दीजिए।
उत्तर :
नाम – रोमांचक सृष्टि
(विद्यार्थी अन्य नाम भी दे सकते है।)

NCERT Class 6 Hindi Malhar Chapter 3 Question Answer पहली बूँद

इन्हें भी जानें

इस कविता में नगाड़े की ध्वनि का उल्लेख है— “बजा नगाड़े जगा रहे हैं, बादल धरती की तरुणाई । ” नगाड़ा भारत का एक पारंपरिक वाद्ययंत्र है। कुछ वाद्ययंत्रों को उन पर चोट कर बजाया जाता है, जैसे— ढोलक, नगाड़ा, डमरू, डफली आदि। नगाड़ा प्रायः लोक उत्सवों के अवसर पर बजाया जाता है। होली जैसे लोकपर्व के अवसर पर गाए जाने वाले गीतों में इसका प्रयोग होता है। नगाड़ों को जोड़े में भी बजाया जाता है जिसमें एक की ध्वनि पतली तथा दूसरे की मोटी होती है।
NCERT Class 6 Hindi Malhar Chapter 3 Question Answer पहली बूँद 4

खोजबीन

आपके यहाँ उत्सवों में कौन-से वाद्ययंत्र बजाए जाते हैं? उनके बारे में जानकारी एकत्र करें और अपने समूह में उस पर चर्चा करें।
उत्तर :
हमारे यहाँ विवाह से कुछ दिन पूर्व प्रतिदिन ढोलक, मंजीरे आदि बजाकर गीत-संगीत का आयोजन किया जाता है। जन्मोत्सव पर भी इनका प्रयोग करते हैं। इन वाद्ययंत्रों के माध्यम से उत्सव का आनंद दुगुना हो जाता है। परिवार के सभी लोग इसका आनंद लेते हैं।
विवाह वाले दिन ढोल, शहनाई, बाँसुरी व बाजों का सुमधुर संगीत सभी के मन को पुलकित कर देता है। होलिका-दहन के समय ढोल की थाप पर सभी होलिका के चारों तरफ नृत्य करते हैं।

आइए इंद्रधनुष बनाएँ

बारिश की बूँदें न केवल जीव-जंतुओं को राहत पहुँचाती हैं बल्कि धरती को हरा-भरा भी बनाती हैं। कभी-कभी ये बूँदें आकाश में बहुरंगी छटा बिखेरती हैं, जिसे ‘इंद्रधनुष’ कहा जाता है। आप भी एक सुंदर इंद्रधनुष पर एक छोटी-सी कविता लिखिए | इसे कोई प्यारा सा नाम भी दीजिए।
उत्तर :
इंद्रधनुष का चित्र विद्यार्थी स्वयं बनाए।

कविता
बारिश की बूँदें
बारिश की बूँदें
हम सूरज को पिलाएँगे।
सात सुरों में रंग हम बिखराएँगे ।
इंद्रधनुष के गीत हम सब गोएँगे।
बारिश की बूँदें
हम सूरज को पिलाएँगे।

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